Monday, May 24, 2021

भारत की पहली सेल्फ रैपिड एंटिजन टेस्ट किट

पुणे की मायलैब को आईसीएमआर की तरफ से भारत की पहली सेल्फ रैपिड एंटिजन टेस्ट किट के रूप में मंजूरी मिल गई है। आईसीएमआर ने कोविसेल्फ को लेकर एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें किट के प्रयोग को लेकर दिशानिर्देश हैं।

मायलैब के मुताबिक, अगले सप्ताह तक कोविसेल्फ किट देश के 7 लाख से ज्यादा मेडिकल स्टोर पर उपलब्ध हो जाएंगे। साथ ही इसे ऑनलाइन खरीदने का भी विकल्प प्राप्त हो सकता है। कंपनी के प्रमुख सुजीत जैन के मुताबिक, उनकी कंपनी देश के 90 प्रतिशत इलाके में इस किट को पहुंचाना चाहती है।


एक टेस्टिंग किट का दाम 250 रुपए है।

सुजीत जैन के मुताबिक, इस किट से सिर्फ 2 मिनट में टेस्ट किया जा सकेगा, जबकि परिणाम प्राप्त करने में करीब 15 मिनट का समय लगेगा। इस किट की मदद से लोग घर बैठे ही अपना टेस्ट कर सकेंगे। इस किट का इस्तेमाल लक्षण आने के बाद या फिर किसी संक्रमिण व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद किया जा सकता है। इससे रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए CoviSelf app का इस्तेमाल करना होगा और उसमें मांगी गई सभी जरूरी जानकारी को उसमे फीड करना होगा। यह डाटा एक सुरक्षित सर्वर पर सेव रहेगा।

 इस टेस्ट किट में 
👉एक ट्यूब, 
👉नाक स्वैब लेने वाली स्टिक,
👉 एक टेस्टिंग कार्ड और
👉 एक biohazard बैग होगा।

इस्तेमाल का तरीका

🩸टेस्ट किट को खोलने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह धो लें ।

🩸जिस स्थान पर किट रखी जाएगी, उसे भी साफ कर लें।

🩸इसके बाद लिक्विड वाली शीशी को सीधा करके पकड़ें, ताकि उसका लिक्विड एक स्थान पर ही इकट्ठा रहें।
🩸अब स्वैब वाली स्टिक के पाउच को ओपेन करें। ध्यान रखें कि स्टिक को हैंडल वाले स्थान से पकड़ा जाए और स्वैब वाली जगह को हाथ न लगाएं।
🩸 इसके बाद स्टिक को करीब 2-3 इंच तक अंदर डालें या फिर जब तक वह नाक के पीछे के पीछे वाले हिस्से को टक न करें। इसके बाद उसे घुमाएं
🩸 इसके बाद दूसरे हाथ वाली लिक्विड वाली ट्यूब में स्वैब वाली स्टिक डालकर उन्हें आपस में मिलाएं।
🩸इसके बाद शीशे से बाहर निकला स्टिक का हिस्सा तोड़कर अलग रख लें और स्वैब वाले हिस्सो को शीशी में छोड़कर टक्कन लगा दें।
🩸इसके बाद टेस्ट कार्ड उठाएं और उस पर बने छोटे गोल घेरे में शीशी से दो-तीन बूंदें गिराएं और 15 मिनट का इंतजार करें।

🩸कार्ड पर सी (क्वालिटी कंट्रोल लाइन) और टी (टेस्टिंग लाइन) लिखा होगा। 10-15 मिनट के बाद अगर C के आगे लाल निशान उभरा तो इसका मतलब है कि रिपोर्ट नेगेटिव है। अगर C और T दोनों के सामने लाल निशान उभरा तो रिपोर्ट पॉजिटिव है।( जैसे प्रेगनेंसी टेस्ट स्ट्रिप में होते हैं।)
🩸इसकी फोटो CoviSelf ऐप से क्लिक करें और कुछ समय के बाद आपको रिपोर्ट मिल जाएगी।

Saturday, May 22, 2021

प्रकृति क्या है?


प्रकृति क्या है?
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वह अद्भुत है, हरियाली शोभा है,
कलिका है, ईश्वर का दर्पण है,🔮🔮

कही किसान का समर्पण, इस जग को अर्पण है,
मदमस्त हवा का झोका है, परिंदों का आकर्षण है,
ये प्रकृति है जनाब!! ईश्वर का दर्पण है 🌹🌹

©•अतुल दूबे "सूर्य"



#प्रकृति #अर्पण #समर्पण #आकर्षण #nature #naturephotography

Sunday, May 9, 2021

गोरखपुर में दिखेगा एक और खूबसूरत नजारा, सारस पक्षी के प्रवास के लिए नयागांव का होगा संरक्षण

 गोरखपुर: महानगर में अनेक प्रकार की खूबसूरत और ऐतिहासिक धरोहरे मौजूद हैं। इनमें से ही एक अद्भुत और प्राकृतिक संपदा के रूप में सारस पक्षी का बसेरा भी एक बेहतरीन धरोहर है। जिनके संरक्षण एवं संवर्धन की जरूरत है। यह बातें रविवार को सदर सांसद रवि किशन शुक्ला ने कही।



सदर सांसद ने कहा कि राजेंद्र नगर कॉलोनी पश्चिमी रोहिणी नदी के निकट नयागांव में इन दिनों सारस पक्षियों के प्रवास एक खूबसूरत नजारा शहरवसियों को देखने को मिल रहा है। 
इस अद्भुत प्राकृतिक स्थल को संरक्षित करने से सारस पक्षी की आने की संख्या बढ़ेगी तो आने वाले दिनों में यहां का नजारा और भी आकर्षक होगा।
 उन्होंने कहा कि वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर धीरज सिंह एवं हेरिटेज फाउंडेशन के सदस्यों ने मुझ से मुलाकात करके सारस पंक्षियों के नया गांव स्थित प्रवास स्थल को संरक्षित करने की मांग की थी। 
यह निश्चित रूप से यह एक गंभीर विषय है। धीरज स्वयं के प्रयास से इस विषय पर कार्य कर रहे हैं। इनके द्वारा कुछ समस्याओ से भी अवगत कराया गया है। जिसका जल्द ही समाधान किया जाएगा।
रवि किशन ने कहा कि मेरा प्रयास है कि गोरखपुर शासन और प्रशासन की मदद से पानी के प्रवाह को बनाए रखने के साथ ही साथ सारस पक्षी के संरक्षण कार्य के लिए योजना बनाकर कार्य किया जाए। प्रकृति की अमूल्य धरोहर, जो विलुप्त हो रही है। उनमे से एक सारस पक्षी के प्रजाति को संरक्षण व सुरक्षित करना हम सभी की जिम्मेदारी है। हम सब इस अद्भुत स्थल को सजाने और संवारने के लिए हर कदम उठाएंगे।

Monday, May 3, 2021

जामुन के औषधीय गुण जो संक्रमण की स्थिति में रामबाण हैं!!!........

जामुन (Java Plum) के मीठे फल सभी को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। खाने में स्वादिष्ट होने के साथ ही यह गुणों से भी भरपूर होते हैं यह तो आप बखूबी जानते होंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जामुन का सिरका भी आपके स्वास्थ्य के लिए किसी औषधी से कम नहीं है?



जामुन के चमत्कारी गुणों में कई बीमारियां दूर करने की क्षमता है। मधुमेह के रोग से लेकर खून की कमी से जूझ रहे लोगों तक के लिए यह अत्यंत लाभकारी है। विटामिन ए, विटामिन सी, आयरन, फाइबर मैगनीशियम, पोटैशियम, कार्बोहाइड्रेट्स और प्रोटीन समते कई पोषक तत्वों से भरपूर जामुन का सिरका आपके स्वास्थ्य को संतुलित रखने में मदद करता है। 

हमारे चैनल पर जाए और जामुन पर बना वीडियो देखें:

https://youtu.be/Nt8S0BRqVBA


जामुन के सिरके का नियमित सेवन करने से शरीर में वात, पित्त और कफ का भी संतुलन बना रहता है। साथ ही इसमें पाए जाने वाले एंटी बैक्टीरियल गुण (AntiBacterial Properties) आपको तमाम प्रकार के संक्रमणों से भी बचाते हैं।

जामुन के सिरके पर हुए एक शोध में यह पाया गया कि इसके गुण आपके वजन घटाने में काफी मददगार हैं। वजन प्रबंधन के तौर पर भी इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है। यह पूरी तरह से प्राकृतिक होता है, इसलिए इसके कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं। 


जामुन का सिरका बनाना काफी आसान है। हालांकि बाजार में आपको जामुन का सिरका आसानी से उपलब्ध हो जाएगा, लेकिन उनमें कैमिकल्स (Chemicals) और प्रिजर्वेटिव्स (Preservatives) का मिश्रण भी हो सकता है।


 इसलिए, बेहतर है कि अपने घर पर ही इस सिरके को तैयार किया जाए। इसके लिए आप कम से कम 2 किलो जामुन एकत्र करें। उन्हें अच्छे से धो लें, जिससे उसमें मिट्टी या गंदगी न रह जाए। अब जामुन को रगड़कर उसकी गुठलियों को अलग कर दें। अब आप चाहें तो इसे मिक्सर ग्राइंडर में भी पीस सकते हैं या हाथों से भी मसलर इसका रस निकाल सकते है। ध्यान रहे कि जामुन का रस निकालते हुए किसी साफ सूती कपड़े की मदद से इसे अच्छे से छान लें। चाहें तो स्वादानुसार इसमें काली मिर्च का भी प्रयोग कर सकते हैं।

आइये जानते हैं जामुन के सिरका किन बीमारियों को दूर करने में मददगार है.........

दांतों से ब्लीडिंग को रोके

दांत से खून आना एक आम समस्या है, जो बच्चों में ज्यादातर देखी जाती है। जामुन का सिरका इस समस्या को भी ठीक करने की छमता रखता है। माना जाता है कि जामुन के सिड़के को दांत पर रगड़ने से दांतों का दर्द तो दूर होता ही है साथ ही दांत चमकदार भी होते हैं। इसमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल गुण आपके मसूड़ों को मजबूत करने के साथ ही माउथ अल्सर यानि मुंह के छालों से भी छुटकारा दिलाता है। साथ ही इसमें मौजूद स्ट्रॉंग एस्टिजेंट गुण आपके मुंह से आ रही बदबू को भी रोकते हैं और दांते में होने वाली सड़न और बैक्टीरिया लगने से रोकते हैं।  

किडनी स्टोन में मददगार

किडनी में पथरी हो जाने के बाद लोग तरह-तरह के नुस्खे अपनाते हैं। कुछ नुस्खे कारगर साबित होते हैं तो वहीं कुछ विफल भी हो जाते हैं। किडनी स्टोन में तो विशेषज्ञों द्वारा भी जामुन के सिरके का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। इसमें मौजूद पोषक तत्व और एंटी बैक्टीरियल गुण आपके स्टोन को धीरे-धीरे जलाकर उसे पेशाब के रास्ते से बाहर निकालने में मदद करते हैं।

जामुन के सिरके का उपयोग करकर आप कई बीमारियों से निजात पा सकते हैं। इसे घर पर बनाने के लिए इस लेख में दिए गए तरीका का इस्तेमाल करें। इसका सेवन आपके लिए बेहद कारगर साबित होगा।

बवासीर से दिलाए राहत

बवासीर एक गंभीर समस्या है, जिससे अधिकांश लोग त्रस्त हैं। इस समस्या में आपके गुदा के अंदरूनी और बाहरी हिस्से में मस्से बन जाते हैं। यह एक पीड़ादायक स्थिति है। ऐसे में आप जामुन के सिरके को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसमें लैक्सेटिव एसिड पाया जाता है, जो पेट के विकारों के लिए काफी लाभदायक है। यह मल को आंत (Intestine) से आसानी से निकालकर गुदा (Anus) तक पहुंचाने में मदद करता है। जिससे बवासीर के रोगियों को काफी राहत मिलती है। इसके सेवन से बवासीर में हो रहे भयंकर दर्द से भी राहत मिलती है।

पाचन तंत्र दुरूस्त करता है

एंटी बैक्टीरियल और एंटी माइक्रोबियल गुण आपके पेट में पनप रहे बैक्टीरिया का सफाया करने में मदद करते हैं। यही नहीं इसमें फाइबर की प्रचुरता होती है, जो आपको डायरिया जैसी क्रॉनिक डिजीज से भी बचाता है। साथ ही आपके पेट में हो रही अपच के लिए इसमें ओक्सालिक एसिड, फॉलिक एसिड और गैलिक एसिड की मौजूदगी होती है, जो पेट में गैस और कब्ज को बनने से रोकते हैं।


मधुमेह या शुगर में लाभकारी

मधुमेह यानि डायबिटीज जिससे आजकल अमूमन लोग पीड़ित हैं। शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाने से आप डायबिटीज के शिकार हो जाते हैं। लेकिन, जामुन के सिरके में एंटी डायबिटिक गुण मौजूद होते हैं, जो आपको डायबिटीज से छुटकारा दिलाते हैं। बता दें कि डायबिटीज के मरीजों को शरीर में हाइपरग्लेमिया (Hyperglycemia) को मैनेज करने के लिए जामुन के सिरके का सेवन करने के सलाह दी जाती है। इसमें मौजूद एंटी माइक्रोबियल एपिटाइजर प्रॉपर्टीज (Microbial Appetizer Properties) आपकी शरीर में मौजूद शुगर लेवल को कम कर शगर लेवल को एनर्जी यानि उर्जा में परिवर्तित करने में मदद करते हैं। रात के समय जामुन के सिरके का सेवन करने से आपका इंसुलिन का स्तर भी संतुलित रहता है। मधुमेह के रोगियों के लिए यह सिरका किसी रामबाण से कम नहीं है। 


यूरीन इन्फेक्शन को दूर किया जाता है

किडनी और ब्लेडर (Bladder) में बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ जाने के कारण आपको यूरीन इंफेक्शन की समस्या हो जाती है। हालांकि, इसके अन्य भी कई कारण हो सकते हैं जैसे पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करना आदि। ऐसे में जामुन के सिरके का सेवन आपके लिए अत्यंत लाभकारी विकल्प साबित हो सकता है। इसमें पाए जाने वाले विटामिन और मिनिरल की मात्रा आपके शरीर में पनप रहे बैक्टीरिया का सफाया कर शरीर को फिर से सुचारू रूप से कार्य करने में मदद करते हैं। इसका नियमित सेवन करने से आप यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से छुटकारा पाने के साथ ही किडनी, ब्लेडर से जुड़ी समस्या ओं के साथ मूत्र संबंधी अन्य विकारों से भी पीछा छुड़ा सकते हैं। 

दिल के रोगियों के लिए अच्छा

जामुन आपके दिल का भी अच्छा साथी माना जाता है। इसके सेवन से दिल की बीमारियों का खतरा काफी कम हो जाता है। इसमें पोटैशियम की अधिक मात्रा पाई जाती है, जो आपकी धमनियों को सख्त होने से बचाता है। यही नहीं इसके सेवन से उच्च रक्तचाप के लक्षण में भी काफी कमी आती है यानि हाई ब्लड प्रेशर की समस्या काफी हद तक कम हो जाती है। जामुन के सिरके का सेवन आपको स्ट्रोक और हाइपरटेंशन जैसे गंभीर रोगों से भी बचाता है। बता दें कि इसका सिरका आपके कोलेस्ट्रोल और ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने के साथ ही कार्डियोवसक्युलर डिजीज से भी निजात दिलाता है। 

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शायरी

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