Tuesday, June 22, 2021

ब्लैक फंगस




1- ब्लैक फंगस गले के रास्ते नाक, जबड़े को प्रभावित करते हुए आंख तक पहुंचता है। यहां से यह तेजी से मस्तिष्क में पहुंचता है। आंख के चारों तरफ सूजन हो जाता है । संक्रमण रोकने के लिए पूरी आंख भी निकालनी पड़ सकती है। शुरुआती लक्षण दिखने पर एंफोटेरिसिन बी इंजेक्शन लग जाए, तो संक्रमण रुक जाता है। देर हुई तो आपरेशन ही एकमात्र विकल्प होता है। इसका इलाज खर्च बेहद महंगा है।

2- गले से ब्लैक फंगस यदि नाक की तरफ न बढ़कर नीचे की तरफ जाता है, तो यह सांस के रास्ते फेफड़े में पहुंच जाता है। फेफड़े में भी यह तेजी से फैलता है। सीटी स्कैन से ही इसका पता चल पाता है। ये फेफड़े को बुरी तरह प्रभावित करता है। मरीज को सांस की परेशानी झेलनी पड़ती है।

3- यदि ब्लैक फंगस का हमला त्वचा पर होता है, तो त्वचा पर लाल घेरा वाली फुंसियां होने लगती हैं। इनके ऊपरी हिस्से में कालापन होता है और स्त्राव भी कालापन लिए होता है।

4- कुछ मरीजों की छोटी आंत में ब्लैक फंगस मिले हैं। यह मरीज कोरोना संक्रमित होने के बाद ठीक हो गए थे, लेकिन इनके पेट में दर्द होने पर सीटी स्कैन कराया गया तो ब्लैक फंगस मिला।

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