Monday, March 22, 2021

होली पर सीएम योगी का एक और बड़ा तोहफा: प्रदेश के सबसे बड़े चिड़ियाघर का 27 मार्च को होगा उद्घाटन

गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 27 मार्च को नेपाल, पूर्वांचल और बिहार के लोगों को बड़ा तोहफा देने वाले हैं। सीएम योगी प्रदेश के सबसे बड़े शहीद अशफाकउल्लाह खां (चिड़िया घर) प्राणि उद्यान का लोकार्पण 27 मार्च को कर सकते हैं। इसके लिए जिला प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दीं है। इसके बाद यह आमजन के लिए खोल दिया जाएगा।


गोरखपुर में दशकों से चिड़िया घर को लेकर लोगों में आस थी। लोगों का यह सपना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब पूरा कर दिया है। 121 एकड़ में फैले चिड़िया घर का लोकार्पण कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूर्व मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के सपने को साकार करेंगे। मुख्यमंत्री का पूरा प्रयास गोरखपुर में चल रहे विकास कार्यों को शीघ्र पूरा कराने को लेकर भी है। उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में योगीराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह और संस्कृति केंद्र था, जिसका लोकार्पण वह बीते रविवार को कर चुके हैं। वहीं, चिड़ियाघर भी उनके ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। इसके खुलने के बाद नेपाल, बिहार और पूर्वांचल की नई पीढ़ी को इन पशु पक्षियों के बारे में बेहतर जानकारी मिलेगी, तो उनके लिए यह ज्ञानार्जन का बड़ा केंद्र भी होगा। गोरखपुर से मात्र सौ किमी की दूरी पर नेपाल और करीब सौ किमी के बाद ही बिहार राज्य की सीमा भी शुरू हो जाती है। नेपाल और बिहार से हजारों लोग गोरखपुर विभिन्न कारणों से आते हैं। अब तक 133 में से 115 वन्यजीवों को चिड़ियाघर में लाया जा चुका है। प्राणि उद्यान के निदेशक राजाराम मोहन का कहना है कि उद्यान का निर्माण तीन सौ करोड़ की लागत से 121 एकड़ में किया गया है। यहां पर सारी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हैं। अब इसके उद्घाटन की तैयारी पूरी की जा रही है।

बाघ, तेंदुआ और साही, घड़ियाल का देखिए नजारा
लखनऊ से एक मादा बाघ, एक मादा तेंदुआ, एक मादा साही, घड़ियाल, पुनर्वास केंद्र लखनऊ से नौ कछुए (टर्टल), विनोद वन से दो नर चीतल (स्पाटेड डियर), जंगल वैट (नर-मादा), दो सियार (नर-मादा), दो रसेल वाइपर सांप (नर-मादा), दो अजगर (नर-मादा), लखनऊ प्राणि उद्यान से दो घड़ियाल (नर-मादा), दो पाढा (नर-मादा), दो लंगूर (नर-मादा), छह मगरमच्छ (नर-मादा), दो रीसस मकाक (नर-मादा), दो लकड़बग्घा चमेली और अर्जुन, एक दरियाई घोड़ा लक्ष्मी, दो तेंदुआ मोनी और नारद, दो घोड़ा पछाड़ सांप और दो अजगर, कानपुर प्राणि उद्यान से एक दरियाई घोड़ा और 25 पक्षी, विनोद वन से मोर, तोता और विभिन्न प्रजाति की मछलियों के अलावा बंदर की दो प्रजाति सहित अन्य वन्यजीवों को यहां लाया जा चुका है। बाहर से आए सभी वन्यजीवों को सुरक्षा के मद्देनजर क्वरांटीन भी किया जा चुका है।

Friday, March 19, 2021

नया फ़ोन launch: भारत का 108MP वाला फ़ोन बाज़ार में जल्द उपलब्ध होगा

Redmi Note 10 Pro फ्लैगशिप फोन को Redmi Note 10 और Redmi Note 10 Pro के साथ लॉन्च किया गया था.  

Note 10 Pro Max की खास बात ये है कि इसमें 108MP का प्राइमरी कैमरा दिया गया है और ये 108MP कैमरा वाला भारत का फिलहाल सबसे सस्ता फोन है.
ऑफर्स की बात करें तो ऐमेजॉन और शाओमी की आधिकारिक वेबसाइट पर ग्राहकों को ICICI बैंक क्रेडिट कार्ड्स और EMI ट्रांजैक्शन्स पर 1,500 रुपये का इंस्टैंट डिस्काउंट मिलेगा. वहीं, शाओमी की वेबसाइट पर MobiKwik से पे करने पर 600 रुपये का कैशबैक भी मिलेगा और जियो की ओर से 349 रुपये वाले प्लान के साथ 10,000 रुपये की वैल्यू के बेनिफिट्स भी दिए जाएंगे.

डुअल-सिम (नैनो) सपोर्ट वाला ये फोन एंड्रॉयड 11 बेस्ड MIUI 12 पर चलता है और इसमें 120Hz रिफ्रेश रेट और 1,200 nits पीक ब्राइनटनेस के साथ 6.67-इंच फुल-HD+ सुपर AMOLED डिस्प्ले दिया गया है. साथ ही यहां गोरिल्ला ग्लास 5 का सपोर्ट भी मिलेगा. 

इस स्मार्टफोन में 8GB तक  LPDDR4x रैम और Adreno 618 GPU के साथ ऑक्टा-कोर क्वॉलकॉम स्नैपड्रैगन 732G प्रोसेसर मौजूद है.





फोटोग्राफी के लिए इसके रियर में 108MP प्राइमरी कैमरा, 5MP मैक्रो कैमरा, 8MP अल्ट्रा-वाइड एंगल कैमरा और 2MP डेप्थ सेंसर मौजूद है. सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए इसमें 16MP का कैमरा दिया गया है.

Redmi Note 10 Pro Max की बैटरी 5,020mAh की है और इसमें 33W फास्ट चार्जिंग का सपोर्ट भी ग्राहकों को मिलेगा. साथ ही इसमें Hi-Res सपोर्ट के साथ स्टीरियो स्पीकर्स भी दिए गए हैं. इसकी इंटरनल मेमोरी 128GB तक की है और इसे कार्ड की मदद से 512GB तक बढ़ाया जा सकता है.

Tuesday, January 12, 2021

लफ्ज़ निकले हैं, गौर फरमाइएगा 😌

ए जिन्दगी, अब ज़रा थोड़ा सा तो ठहर,
जिन लहरों से सामना करने आए थे हम यहां,
 लगता है अब उनसे लड़ते लड़ते थे हमारी उम्र इस तरह गोते लगते हुए भी थोड़ी आगे निकल गई है।









जब सामने उनको देखा, तब उनमें ख़ुद को पाया,
जब नज़रे उनसे हटी, तो ख़ुद को खोया पाया,
घर पहुंचे तो थोड़ा गुनगुनाया, पर फ़िर पुन: अपने सुर को खोया पाया,
क्या करे !!! शायद यह भी ईश्वर की कोई माया जिसने हमको उनसे भेंट कराया।


- स्वरचित
#अतुल दूबे सूर्य

Thursday, January 7, 2021

महाभारत कथा में क्या इस तरह के हथियारों से लैस थे वीर योद्धा??

महाभारत के मिसाइलों की वास्तविक छवि 

यह ब्रिटिश म्यूजियम में रखे गए है ।। 3500BC के बताए जाते है,तो तकरीबन महाभारत काल का समय है । वास्तव में ऐसे हथियारो से युद्ध नही लड़ा जा सकता ।

यह मिसाइल आदि का प्रतिरूप बनाया गया था, पूर्वज भी तो चाहते थे, की आने वाली पीढ़ी तक इतिहास को किसी भी माध्यम से पहुंचाया जाए ।




क्या महाभारत के इसी प्रकार के हथियार थे ?

यह प्राचीन शस्त्र है । इनकी बनावट देखकर ही पता चल जाता है, यह हाथ से चलने वाले नही, बल्कि मशीनी यंत्र है ।। पहला चित्र कम्बोडिया का है, दूसरा चित्र पार्थियन म्यूजियम की एक गदा का । पार्थियन साम्राज्य अर्थात पार्थ अर्जुन का साम्राज्य ।। रोमन अवशेषो के म्यूजियम में यह गदा पड़ी है । यह गदा 3000 वर्ष बताई जाती है, जबकि वास्तव में यह उससे भी कहीं अधिक प्राचीन है । क्यो की 3000 वर्ष से ज़्यादा का इतिहास बताते ही यह फंस जाएंगे, तो यह सब कुछ 3000 साल के अंदर ही रखना चाहते है ।।

इस गदा को आप देखें । इस गदा क्या युद्ध लड़ा जा सकता है ? एक आदमी की हत्या तो इस गदा से संभव है (वह भी मुश्किल से ) लेकिन महाभारत जैसा युद्ध, या सेनाओं का युद्ध ऐसी गदाओ से नही लड़ा जा सकता ।।

यह निश्चित रूप से महाभारतकाल की किसी मिसाइल का प्रतिरूप चित्र है ।। जैसी मिसाइल आदि हथियार थी, उसका लघु चित्र मूर्ति के माध्यम से बनाया गया । और वही मूर्ति अभी आप देख रहे है ।

इस बात के प्रमाण केवल तर्क है, क्यो की वास्तविक दस्तावेज तो किसी को मिलने से रहें।  आपकी बुद्धि ही इसका प्रमाण है ।




Saturday, December 5, 2020

Sri Krishna Title Shlok




सच्चिदानंद रूपाय विश्वोत्पत्यादिहेतवे! तापत्रय विनाशाय श्री कृष्णाय वयं नम: !!

Thursday, November 19, 2020

समान नागरिकता कानून या यूनिफॉर्म सिविल कोड है समय की मांग

 यूनिफॉर्म सिविल कोड है समय की मांग




भारत विश्व का सबसे बड़ा गणराज्य है। यहां अनेकों धर्मो के लोग निवास करते हैं। भारत में सबको अधिकार है कि वह अपनी पसंद के अनुसार किसी भी धर्म या संप्रदाय को अपनाकर उसके नियमों का अनुसरण कर सकता है।

Wednesday, November 18, 2020

सोशल मीडिया : बतंगड़ का अड्डा और समय की बर्बादी

एक वह समय था, जब परिवार के लोग एक दूसरे के साथ सार्थक संवाद, हंसी- मजाक, तारीफ़, आदि किया करते थे और अब आज के समय पर नज़र डाले तो ऐसा कोई घर नहीं जहां लोग आपको परिवार में या पड़ोसी से ही बातचीत करते मिले। 

पहले जब इंटरनेट तकनीक नहीं थी, तब पत्र या फोन से बाते हुआ करती थीं, और अब मोबाइल फोन कॉल, या वीडियो कॉल या फिर वॉयस मेसेज, टेक्स्ट आदि से होती हैं।
अब इस लेख को ही ले लीजिए, शायद यह भी आप सोशल मीडिया नेटवर्क से ही पढ़े।
सोशल नेटवर्किंग साइट्स और मोबाइल एप्लिकेशन ने अभिव्यक्ति की आज़ादी तो दी ही है और इसके साथ साथ विचार व संदेश के आदान प्रदान को सुलभ, सरल भी बनाया है। लोगों को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखने का अवसर प्रदान किया है परन्तु इसके दीर्घकालिक दुष्प्रभाव भी हैं, जो युवाओं के साथ साथ बुद्धिजीवीवर्ग और बुजुर्गों में भी देखने को मिल रहा है।







स्टेटिस्टिका , 2019(एक प्रसिद्ध संगठन जो डाटा संवर्धन करता है) की रिपोर्ट के अनुसार फिलीपींस और नाइजीरिया जैसे देशों के बाद भारत के युवाओं ने कम से कम औसतन 2.5 घंटे रोज़ाना विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर खर्च किया। 

गौर करने वाली बात है कि, विश्व में भारत में डाटा सबसे सस्ता है, क्योंकि यह युवाओं का देश है जो तमाम क्षेत्रों की कम्पनियों के लिए एक ग्राहक हैं, जो उन्हें लाभ कमाने का अवसर प्रदान करते हैं।


इसी कारण अधिकतर सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट मुफ़्त में अपने यहां खाता खुलवाने को प्रेरित करती हैं और आपका डाटा चोरी कर पूंजीपतियों, राजनीतिक दलों और उद्योगपतियों को बेचती हैं। 

चाहे गूगल हो, या फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, स्नैपचैट, यूटयूब, इत्यादि तमाम सोशल प्लेटफॉर्म आपसे अनजाने में आपकी सभी जानकारी इकट्ठा कर लेती हैं।
आप क्या खाते हैं, कैसे दिखते हैं, क्या पसंद करते हैं, कहा रहते हैं, कहां कहां जाते है, आपकी क्या रुचि है, आपको कौनसे काम पसंद हैं और भी बहुत कुछ जानकार आपको उसके प्रोपेगेंडा के मुताबिक़ ही विज्ञापन और नोटिफिकशन देती हैं। 

 अब हमारे यहां के युवा सृजन में कम और सोशल मीडिया पर समय की बर्बादी अधिक करने लगे हैं। कुछ तो ऐसे हैं जो अपने दिन भर की बाते सोशल प्रोफाइल के माध्यम से सब तक पहुंचाते हैं। उन्हें अपने जीवन की हर छोटी बड़ी बात नकली दुनिया या कहे डिजिटल दुनिया के लोगों को बताने में सुकून मिलता है।
वहीं सोशल मीडिया पर कई लोगों ने अपनी प्रतिभा को विकसित किया और पूरे विश्व में वाहवाही बटोरी है। 

वहीं अब कई काम इसके उपयोग से संपन्न हो रहे हैं, परंतु छोटी छोटी घटनाओं पर बतंगड़ करना बुलिंग, फिशिंग और बदनाम करने की घटनाएं भी साथ साथ बढ़ी हैं।
अब युवा डिजीटल शिक्षा के नाम पर मोबाइल फोन के आदी हो चुके हैं और वह एक आधा मिनट भी मोबाइल से दूर रहना नहीं चाहते हैं।



सोशल मीडिया का आवश्यकता तक एक सीमा में इस्तेमाल इस मायावी दुनिया से युवाओं को बचा सकता है।




Best

Quotes

1. Never tell everyone everything. Even with your family. 2. Be mature enough not to take anything personally. Be less reactive. 3. Don'...