Saturday, October 14, 2017

उत्तर कोरियाई संकट

परमाणु हथियार को लेकर उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने जो नए प्रयोग वह कथित तौर पर समूचे विश्व के लिए एक खतरे की घंटी है। उसके बयानों से प्रतीत होता है कि वह अपनी परमाणु ताकत का इस्तेमाल किसी भी समय कर सकता है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया में चल रहे उठा पटक की मानें तो हमें यह पता चलता है कि यह एटमी शक्ति का विस्तार को लेकर उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने जो नए प्रयोग वह कथित तौर पर समूचे विश्व के लिए एक खतरे की घंटी है। यह एटमी शक्ति का विस्तार करने वाले राष्ट्र पूरे विश्व के लिए अहितकर हैं। इनसे केवल विनाश की ही रुपरेखा रची जा रही है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परमाणु हथियारों का जखीरा तैयार करने वाले देश अप्रसार संधि को मानने का ढोंग रचते हैं।इन्हें नष्ट करने की पहल तो दूर इनके निर्माण को रोकने की बात कौन करे - कल्पना भी करना कठिन है। 


आज अर्थव्यवस्था का वैैश्वविक स्वरुप प्रतिस्पर्धा से प्रभावित मानव सेवा से परे समूचे संसार में उत्पात मचाने पर जोर देता है। तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था मे शायद यह विचार को अमलीजामा पहनाया जा सकता है जिसमें परमाणु हथियारों को नष्ट कर विकास की तरफ कदम बढाया जाए। 2017 मे आई कैन नाम की संस्था को परमाणु हथियारों के प्रयोग के क्षेत्र में शांतिपूर्ण तरीक़े से कार्य करने के लिए शांति के क्षेत्र का नोबल पुरस्कार दिया जाना सराहनीय प्रयास है।

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