कड़ी मेहनत और सब्र का फल
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बात 2019 के जनवरी की है, मेरी मां मिर्ची🌶️ का पौधा ले आई। जिनमें करीब 20 छोटे पौधे शामिल थे। अब उनको गमले और खाली ज़मीन में लगा दिया।
कुछ तो स्वयं सूख गए, कुछ जिंदा रहे, तमाम उपाय किए कभी इस जगह कभी यहां कभी वहां कभी जैविक खाद तो कभी लकड़ी का बुरादा और आज ये फल 🌶️ एक हरी मिर्च, प्रकृति भी अजीब है, दो साल तक सिंचाई और दो साल बाद सिर्फ एक फल, सब्र का फल🤓🙂
जितने यत्न किए प्रयत्न करे उतने ही देरी से निकला यह फल।
निष्कर्ष: सब्र का फल कभी कभी तीखा भी होता है।😂😂
•अतुल दूबे "सूर्य"
•गोरखपुर