Wednesday, July 8, 2020

कोरोना संकट से थकी दुनिया - महामारी थकावट के चपेट में लोग

कोरोना महामारी से विश्व की अर्थव्यवस्था का विकास लगभग 5% की दर से घट रहा है। इस आपदा से बचने के लिए लॉक - डाउन की व्यवस्था और सामाजिक दूरी जैसी नीतियां विश्व के कई देशों ने अपनाया है। सभी लोग अपने अपने घरों में रह कर अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। कई लोगों के परिवार में खुशियां फिर से लौट आई है, सभी एकसाथ बताए हुए पलों को याद कर घरों में रह रहे हैं। 

वहीं दूसरी ओर ढेर सारे लोग लाकडाउन से महामारी की थकावट से जूझ रहे हैं। कई लोग अवसाद से ग्रस्त हो चुके हैं और विश्व भर इस आपदा के दौरान आत्महत्या की घटनाओं में इजाफा हो गया है। 
महामारी की थकावट का अर्थ उस स्थिति से है, जब किसी गंभीर आपदा को झेलते हुए लोग असहज महसूस करने लगते हैं और उनका मनोबल टूटने लगता है। लोग आशा खोने लगते हैं और उच्च रक्तचाप, हृदय संबंधी या मानसिक रोगों आदि से ग्रस्त हो जाते हैं। 


महामारी थकावट (Pandemic Fatigue) की वजह :
काफ़ी दिनों तक घरों में ही कैद रहने से मानसिक स्थिति असहज हो जाती है। जीवन नीरस लगने लगता है। सामाजिक दूरी से ऐसा लगता है कि मित्र, दोस्त, और रिश्तेदार दूर हो गए हैं। आजादी खत्म होने से दिनचर्या घरों के कामों तक ही सीमित हो जाती है।
हमारे शरीर में कॉर्टिसोल (Cortisol) नाम का हार्मोन तनाव को संभालता है। लेकिन महामारी के डर से इस हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है। इस कारण उच्च रक्तचाप और घबराहट जैसी समस्या उत्पन्न होने लगती है। जिसका सीधा असर रिश्तों पर पड़ता है।


इस स्थिति में व्यक्ति को अपने आपको संभालने की कोशिश करनी चाहिए और मनोचिकित्सक की सलाह लेना चाहिए और कहा भी गया है मन के हारे हार है मन के जीते जीत । यह महामारी का संकट मन को नहीं बांध सकता है। 
अपने जीवन को अनुशासित ढंग से मजबूत बनाकर हम इस संकट से उत्पन्न मानसिक तनाव से बच सकते हैं।
लॉक डाउन धीरे धीरे हटाया जा रहा है और लोग खौफ के साए में घरों से बाहर निकल रहे हैं। 

यह स्थिति थोड़ी चिंताजनक है फिर भी सभी ज़रूरी नियमों का पालन करना चाहिए। क्योंकि एम आई टी यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट की मानें तो -

वर्ष 2021 की फरवरी महीने तक भारत में 2.87 लाख केस प्रतिदिन पॉज़िटिव आएंगे, वहीं अमेरिका में 98,000 और दुनिया में लगभग 25 करोड़ से अधिक केस प्रतिदिन पॉज़िटिव आएंगे।
- एम आई टी यूनिवर्सिटी



रोग प्रतिरोधक शक्ति का विकास - इस संकट का समाधान

इस स्थिति से बचने का उपाय अपनी रोग प्रतिरोधक शक्ति को और मजबूत बनाना है। इस महामारी संकट के दौरान प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने वाली चीजों की मांग 20-40% बढ़ गई है। लोग चवनप्राश, गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा, हल्दी, अदरक, नीबू जैसी चीजों की अधिक मात्रा में मांग कर रहे हैं। विटामिन सी और फलों की भी खूब मांग है। बाजार में हैल्थ सप्लीमेंट और आयुर्वेदिक दवाओं की भी मांग अचानक बढ़ गई हैं। लोगो के मन में बस यह है कि प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने वाली चीजों का सेवन कर ले और निडर हो बाहर निकल जाए।
वैसे, यहां बताते चले कि बाजार में  आयुर्वेदिक दवाओं और होम्योपैथिक दवाओं के अलावा इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में बिस्किट, नामक, स्नैक्स, पानी, मिठाइयां भी मौजूद है जिन्हें इस दावे के साथ बेचा जा रहा है कि यह सब उत्पाद आपकी प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाने में मदद करेंगी।
क्या स्वास्थ्य के बारे में पढ़ना चाहते हैं -

https://sspatul.blogspot.com/2020/07/how-to-be-healthy-and-stay-fit-rules-to.html

लोग लॉक डाउन हटने के बाद से ही इधर उधर निकल रहे हैं, लेकिन अभी भी सतर्क और सुरक्षित रहने के लिए मास्क, सैनिटाइजर और सामाजिक दूरी जैसे जरूरी नियमों का पालन करना चाहिए।

डर मुक्त जिंदगी के लिए स्वस्थ जीवशैली को अपनाए और अनुशासित दिनचर्या का पालन करें। यह काल परीक्षा लेकर आया है, जिसे मानव जाति जरूर उबर कर जीतेगी।

© अतुल कुमार दूबे

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