Monday, July 13, 2020

कुछ सुविचार


• उत्साही आदमी के लिए कठिन काम भी सुगम हो जाता है और हिम्मत हारने से सुगम काम भी कठिन हो जाता है ।

•दुष्टों की न शत्रुता अच्छी, न मित्रता ।

•व्यवहार में बालक, सत्य में युवक और ज्ञान में वृद्ध बनो ।

• नीति से आये और रीति से खर्च हो वह धन (अर्थ) अमृत है।

• अपनी बड़ाई, मान और प्रतिष्ठा करने वालो से दूर रहना चाहिए।

• नम्रता पत्थर को भी मोम कर देती है।

• आहार का आचरण पर बहुत प्रभाव पड़ता है।

•समय का मूल्य जान लेने पर सफलता में देरी नहीं है ।

• कर्तव्य का पालन करना ही चित्त की शांति का मूल मंत्र है।

• निंदनीय कर्म से डरना चाहिए न कि निंदा।


• माता पिता ईश्वर के प्रतिनिधि स्वरुप हैं।

•  जीवन बहुत थोड़ा है, सबसे प्रेम पूर्वक मिलकर चलो, अच्छा व्यवहार करो, अमृत का विस्तार कर जाओ, विष जैसी वाणी का कभी न प्रयोग करो। तुम्हारा प्रेम पूर्वक व्यवहार अमृत और द्वेष पूर्ण व्यवहार ही विष है। हृदय से विष को सर्वथा के लिए निकालकर अमृत भर लो और पग पग पर केवल अपने कर्म, विचारों और वाणी से अमृत वितरण करो।

• अब भी जो थोड़ी सी उम्र शेष है, उसी को अच्छे कामों में लगा दे तो हमारा मनुष्य जीवन सफल हो सकता है, पर यदि आयु का यह बचा हुआ थोड़ा सा समय भी यों ही बीत गया तो फिर सिवा पश्चाताप के और कुछ नहीं होगा। क्या पता कि फिर यह मानव जीवन कब मिलेगा।

© अतुल कुमार दूबे

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